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क,ु,छ, स,प,न,े, औ,र, क,ु,छ, अ,ह,स,ा,स
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-----कुछ सपने और कुछ अहसास (एक कविता संग्रह )----- कविताओं के सैलाब में बह जाना चाहते हैं। कविताओं की रंग-बिरंगी बौछार में भीग जाना चाहते हैं। यहाँ कविताओं का शतक है, जहाँ हर तरह के अहसास को पिरोया है, हर तरह के भावों को उकेरा है और हर तरह कि दिशाओं को संजोया है। जीवन-यात्रा के अनेक उतारों-चढा़वों के अहसास को/सपनों को कविताओं में ढा़ल सकने की सतत कोशिश रही है। सपने, कुछ खुबसुरत से अहसास करा जाते हैं और अहसास, कुछ रंगीन सपने जगा जाते हैं।सपने, हर कोई देखता है और हर तरह के अहसास से हर कोई गुजरता है।यानी हर मनुष्य का जीवन अहसास और सपनों से सराबोर रहता है। इन्हीं सपनों और अहसासों को उकेरती यह कविता-संग्रह आप सबको समर्पित ।
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