info@buecher-doppler.ch
056 222 53 47
Warenkorb
Ihr Warenkorb ist leer.
Gesamt
0,00 CHF
  • Start
  • &#2332,&#2368,&#2357,&#2344, - &#2319,&#2325, &#2325,&#2360,&#2380,&#2335,&#2368,: &#2358,&#2381,&#2352,&#2375,&#2359,&#2381,&#2336, &#2350,&#2366,&#2

&#2332,&#2368,&#2357,&#2344, - &#2319,&#2325, &#2325,&#2360,&#2380,&#2335,&#2368,: &#2358,&#2381,&#2352,&#2375,&#2359,&#2381,&#2336, &#2350,&#2366,&#2

Angebote / Angebote:

About the Book: तीन दोस्तों की कहानी बचपन से आरंभ होकर बुढ़ापे पर खत्म होती है। बचपन की शरारतों से शुरू होकर पढ़ाई के दौर से गुज़रती हुई तीनों दोस्तों की कथा गुरूकुल का निर्माण कर समाज कल्याण के लिए श्रेष्ठ मानव की रचना का सपना पूर्ण करती है। नेपथ्य में मुख्य पात्र के पिता का जीवन चित्रण किया गया है। अन्य पात्रों में फूफाजी और बुआजी के निस्वार्थ व्यवहार द्वारा संयुक्त परिवार प्रथा को दर्शाया गया है। तीनों में एक मित्र बहुत ही बुद्धिमान है। वह किशोर अवस्था में ही कई पुस्तकें और ग्रंथ पढ़कर श्रेष्ठ जीवन का मार्ग तय कर लेता है। विदेश में रहते हुए उसने गुरूकुल देखा और समझा। उसके स्वदेश लौटने से पहले गुरूकुल का निर्माण तीसरा मित्र कर चुका होता है।
Folgt in ca. 15 Arbeitstagen

Preis

12,90 CHF