info@buecher-doppler.ch
056 222 53 47
Warenkorb
Ihr Warenkorb ist leer.
Gesamt
0,00 CHF
  • Start
  • &#2360,&#2379,&#2330, &#2348,&#2342,&#2354,&#2379, &#2332,&#2364,&#2367,&#2306,&#2342,&#2327,&#2368, &#2326,&#2364,&#2369,&#2342, &#2348,&#2342,&#2354

&#2360,&#2379,&#2330, &#2348,&#2342,&#2354,&#2379, &#2332,&#2364,&#2367,&#2306,&#2342,&#2327,&#2368, &#2326,&#2364,&#2369,&#2342, &#2348,&#2342,&#2354

Angebote / Angebote:

लेखिका के शब्दों में अपने लेखों द्वारा अपनी बात को लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि वो उनके दिलों को छू जाए तो लेखन की सार्थकता है । आज के कठिन समय जब महारी ने समस्त विश्व को जकड़ा हो लिखना आसान नहीं था। लेकिन नकारात्मक स्थितियों में यदि हमारा लेखन समाज में सकारत्मकता प्रदान करे तो जरूर लिखना चाहिए। जब समाज में ऐसी हवा चल रही हो कि हर व्यक्ति किसी न किसी मुश्किल या तकलीफ से घिरा हो, और आप चाह कर भी उसकी मदद के लिए उस तक नही पहुँच पा रहे हों, ऐसे कठिन वक़्त में आपके कहे कुछ प्रेम भरे और सांत्वना भरे शब्द उसे उस दुःख से उभरने में सहायक होते हैं। एक ऐसी ही सोच से मैंने लिखना आरंभ किया था। जी हाँ, लॉकडॉन का वो अत्यंत कठिन समय जब हर कोई अपने अपने घरों तक सिमीत हो गया था उस वक़्त डिप्रेशन का माहौल था। उस वक़्त की नजाकत को समझते हुए अपने लेखों द्वारा एक सकारात्मक सोच को लोगों तक पहुंचाने की मैंने कोशिश की। अपने यूटूब चैनेल पर जब मैंने अपने लेखन को अपलोड किया तो लोगों ने उसकी प्रशंसा करनी शुरू की और बराबर मेरे पास समस्याओं को लेकर प्रश्न आने लगे। इससे मेरी हिम्मत और बनी और फिर ये एक ना रुकने वाला सिलसिला बन गया। आज मैं अपने चैनल और लेखन के जरिये लोगों में सकारात्मकता का विस्तार करने की कोशिश करती रहती हूँ।
Fremdlagertitel. Lieferzeit unbestimmt

Preis

21,50 CHF